मनेन्द्रगढ़ वन मण्डल में फिर फर्जी बाउचर का खेल शुरू-घोटाले की बाढ़?

साजिद अख्तर-प्रधान सम्पादक
मनेन्द्रगढ़(छत्तीसगढ़)
- मनेन्द्रगढ़ वन मण्डल के अंतर्गत एक बार फिर घोटाले ने पैर पसार दिये है। इसका जीता जाता उदाहरण है वन परीक्षेत्र मनेन्द्रगढ़, केल्हारी, कुँआरपुर, बहरासी, जनकपुर, बिहारपुर में हो रहे फर्जी बाउचर का? एक एक बाउचर की जांच की मांग…
- जांच नही होने के मामले को हाईकोर्ट में चुनौती..
- एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी….
मनेन्द्रगढ़/छत्तीसगढ़
लाखों रुपये का फर्जी बाउचर तैयार कर राशि आहरण किया गया है, जिसकी जांच किया जाना अतिआवश्यक है।
हमने जब डीएफओ को इस बारे में बताना चाहा तो उनसे सम्पर्क नही हो सका है। या लगता है कि डीएफओ के द्वारा हमारे न0 को ब्लैकलिस्ट में डाल दिया गया है।
ऐसे 3 से 4 कार्य है जिनके नाम पर घोटाले हो रहे है और इन कार्यो के नाम का खुलासा कुछ दिनों के बाद किया जाएगा, ताकि इस मामले में कार्यवाही हो सके।
सूत्रों के मुताबिक डीएफओ को 30 परसेंट एसडीओ को 30 परसेंट और उच्चाधिकारियों को 11 से 20 परसेंट की राशि का बंदरबांट किया जा रहा है। यानी कार्य 0 है। और इसी की जांच की मांग हाईकोर्ट के माध्यम से होनी है।
हमने अर्दन डेम, लेंटाना, बाउंड्रीवाल, डब्ल्यूबीएम जैसे कार्यो में हुए घोटाले की परत दर परत खोली थी। और अब नए तरीकों से घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है। फर्जी मजदूरी भुगतान इसमे प्रमुख है।
इसी कड़ी हमने जब मनेन्द्रगढ़ रेंजर और डीएफओ से उक्त मामले में वर्जन लेने की कोशिश की गई तो 5 से 7 बार फोन लगाने के बाद भी इनके द्वारा फोन रिसीव नही किया गया, शायद ये अपने घोटाले पर पर्दा डालने के लिए और इन घोटालों खबर ना छप जाए इसके लिए ऑफिस के बाहर बाकायदा लाइन लगवाकर पत्रकारों को पैसे बांटे जा रहे है। क्या पत्रकारों को पैसे बांट दोगे तो बच जाओगे?
इसी मामले की अगली अपडेट जल्द…